लखनऊ, जुलाई 21 -- बिजली की नई दरें तय करने के लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के दावों पर सोमवार को नियामक आयोग दफ्तर में सुनवाई हुई। इसके साथ ही बिजली कंपनियों में जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो गई है। उपभोक्ताओं ने यहां 1912 पर दर्ज की गई शिकायतों के समाधान न होने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों में मुआवजा कानून लागू है, लेकिन कागजों पर समाधान दिखाकर बिजली कंपनियां इससे बच निकलती हैं। शिकायतों के निपटारे में ओटीपी व्यवस्था लागू हो ताकि समय से समस्याएं न निपटें तो उपभोक्ताओं को मुआवजा मिले। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली दरों में बढ़ोतरी का तो सवाल ही नहीं उठता है। घाटे की वजह बिजली कंपनियों की लापरवाही और पावर कॉरपोरेशन के झूठे आंकड़े हैं। उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 3...