कटिहार, नवम्बर 1 -- समेली, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र के केले की खेती करने वाले किसानों में इन दिनों पूंजी ऊपर नहीं होने से मायूस है। अंतरजिला मंडियों में केले का दर अचानक लुढ़क जाने से किसान संकट में आ गए हैं। पहले जहां प्रति खांदी 400 से 500 तक बिक जाता था। अब यह दर घटकर मात्र 50 से 100 रह गई है। कम दाम के कारण किसानों को लागत मूल्य तक निकालना मुश्किल हो गया है। प्रखंड के समेली, मुरादपुर, छोहार, चांदपुर पश्चिम और मलहरिया पंचायतों के किसानों के अनुसार, इस साल खाद, कीटनाशक, मजदूरी और सिंचाई की लागत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। एक एकड़ टीसू प्लांट के केले की खेती पर औसतन 80,000 से एक लाख तक खर्च आता है। फसल तैयार होने के बाद प्रति एकड़ चार से पांच लाख तक लाभ मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन इस बार लागत मूल्य ऊपर कर पाना मुश्किल हो गया है। स...
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