नई दिल्ली, दिसम्बर 29 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। तीस हजारी कोर्ट ने 80 लाख रुपये की फिरौती मांगने और जान से मारने की धमकी देने के एक गंभीर मामले में आरोपी बिकुल मंडल को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन कथित धमकी भरी कॉल की न तो कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश कर सका और न ही बातचीत का कोई ट्रांस्क्रिप्ट, जिससे यह साबित हो सके कि कॉल में वास्तव में फिरौती की मांग की गई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अंकित करण सिंह की अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि अभियोजन का पूरा मामला केवल शिकायतकर्ता एसडी मेहता और उसकी पत्नी की मौखिक गवाही पर आधारित है। तकनीकी साक्ष्य के तौर पर कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) जरूर दाखिल किए गए, लेकिन कॉल की वास्तविक सामग्री को प्रमाणित करने वाला कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं कराया गया। अभियोजन के अन...