वाराणसी, जून 20 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। चालीस साल पहले श्रीराम शर्मा जब गुजरात आए तो मैं उनसे मिलने गया। बात हो रही थी उन्होंने भी यही कहा था कि मंत्र गुरुमुख से लेना चाहिए। आध्यात्मिक ऊर्जा को संभालना बहुत कठिन है। उन्होंने गजब का उदाहरण दिया था। बोले एक रिवाल्वर लाइसेंस वाली होती है। एक बिना लाइसेंस वाली होती है। कोई मंत्र सीधा ले लो तो बिना लाइसेंस की रिवाल्वर है। ये बातें कथावाचक मोरारी बापू ने कहीं। वह मानस सिंदूर की कथा के छठे दिन गुरुवार को सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के सभागार में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई भी मंत्र गुरु के मुख से लें तो वह लाइसेंस वाली रिवाल्वर है। महर्षि अरविन्द कहते हैं आकांक्षा न करो अभिप्षा करो। हम संसारी लोग आकांक्षा करते हैं। अभिप्षा और आकांक्षा में बहुत अंतर है। आप को प्यास लगी है।...