आगरा, अक्टूबर 27 -- बरहन, हिन्दुस्तान संवाद। दिगंबर जैन समाज के रथ या़त्रा महोत्सव के अवसर पर कवि सम्मेलन में कवियों ने ओज,श्रंगार, करूण रस की रचनाएं प्रस्तुत कीं। अध्यक्षता यतीन्द्र कुमार जैन व वीरेंद्र जैन ने सयुंक्त रूप से की। मंच संचालन प्रभात जैन ने तथा कवि सम्मेलन का संचालन डा. अरूण उपाध्यय ने किया । कवि ऐलेश अवस्थी आगरा ने सुनाया-लहू से लिखी कर कहानी रहेगी , अमर वीरता की कहानी रहेगी। रहे ना रहे राज महलों की गद्दी, किसानी रही थी किसानी रहेगी। कवि दिलीप बघेल टूंडला ने कविता पाठ-युग युग से हर मानव का उद्धार हुआ इस माटी से , जग जननी मां सीता का अवतार हुआ इस माटी से। मेरे प्यारे भरत की ये माटी और महान बनी , जब किसान की बेटी का श्रंगार हुआ इस माटी से । दिल्ली की नवोदित कवियत्री अपराजिता ने रचना सुनाई- जितने वचन दिए शादी में , सारे वचन नि...