नई दिल्ली, मई 2 -- लव जिहाद को लेकर यूपी की योगी सरकार के संशोधित कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता एस मुरलीधर की दलीलों पर गौर किया। उन्होंने कहा कि 2024 में संशोधित 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम' के कुछ प्रावधान ''अस्पष्ट और अत्यधिक व्यापक'' हैं। यह अस्पष्टता अभिव्यक्ति और धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता का हनन करती है। हालांकि, प्रधान न्यायाधीश ने फिलहाल जनहित याचिका पर नोटिस जारी नहीं किया और कहा कि इस पर 13 मई को अन्य लंबित याचिकाओं के साथ सुनवाई की जाएगी। शीर्ष अदालत संशोधित कानून के खिलाफ लखनऊ निवासी रूप रेखा वर्मा और अन्य द्वारा...