चतरा, अक्टूबर 14 -- लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना ऐतिहासिक है हेरू डैम के छठ घाट का। आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। अंग्रेजों के जमाने में निर्मित यह डैम न केवल जिले का प्रमुख जल स्रोत है, बल्कि यहां हर वर्ष विभिन्न सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। छठ के अलावा पास में बने शिव मंदिर में विवाह, मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। लोगों का मानना है कि छठ व्रत का अघ्र्य बहते पानी में ही दिया जाना चाहिए, और हेरू डैम चतरा जिले का इकलौता छठ घाट है जहां प्राकृतिक रूप से बहता पानी उपलब्ध है। इसी कारण हर वर्ष यहां श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ देखी जाती है।

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