भागलपुर, दिसम्बर 12 -- कजरा। साल में दो बार खरमास का समय आता है। ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक पांडेय के अनुसार जब-जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तब-तब खरमास लगता है। 15 दिसंबर से खरमास प्रारंभ हो रहा है, कुछ पंचांगों की गणना अनुसार 16 दिसंबर से खरमास लग रहा है। खरमास के दौरान विवाह आदि जैसे शुभ मांगलिक कार्य, मुण्डन, यज्ञोपवीत, वर-वरण, वधू प्रवेश, कुआं, तालाब, बावड़ी, उद्यान के आरम्भ एवं व्रतारंभ, उद्यापन, षोडश महादान, प्याऊ लगाना, शिशु संस्कार, देव प्रतिष्ठा, दीक्षाग्रहण, प्रथम बार तीर्थ यात्रा, सन्यास ग्रहण, कर्णवेध, विद्यारम्भ, राज्याभिषेक तथा रत्नभूषणादि कर्म एवं अन्य मांगलिक कार्य स्थगित रहते हैं। खरमास में केवल मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं लेकिन खरमास में किसी भी वस्तु के क्रय-विक्रय की मनाई नहीं है, परंतु अ...