वरिष्ठ संवाददाता, फरवरी 18 -- लखीमपुर खीरी की बाघिन के कुनबे का मिजाज बदल गया है। ये बाघ परिवार न तो वाहनों के शोर से डर रहा है और न ही इंसानों से उसे हिचक है। यह परिवार सड़क पर ही तीन साल से डेरा जमाए पड़ा है। वन विभाग जब तमाम कवायद के बाद भी बाघिन और शावकों को जंगल में नहीं भेज पाया तो उसने निगरानी बढ़ा दी है। वन विभाग की ओर से आठ टीमें गठित की गई हैं जो बाघ परिवार की निगरानी में जुटी है। इंसानों से दूर रहने वाले बाघों का स्वभाव अब बदल रहा है। दक्षिण खीरी वन प्रभाग में ऐसा ही मामला सामने आया है। पिछले तीन सालों से बाघिन और उसके चार शावक जंगल से निकली सड़क के किनारे डेरा जमाए हुए हैं। इस दौरान उनको न तो वाहनों के शोर से कोई अड़चन आती है और न ही इंसानों की चहलकदमी से। खास बात यह है कि बाघिन दिन में चार-बार सड़क पार करती है तो वाहनों का काफिला ...