लखनऊ, नवम्बर 18 -- पड़ोसी को सबक सिखाने के लिए दुराचार एवं अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट) की झूठी रिपोर्ट लिखाने वाली महिला को तीन साल छह माह के कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मोहनलालगंज थाने के भोदरी गांव की रहने वाली रिंकी को अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने यह सजा सुनाई है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि जुर्माने की आधी धनराशि रिंकी द्वारा दीपक गुप्ता को देय होगी, जिसके विरुद्ध फर्जी एवं झूठी रिपोर्ट लिखाई गई थी। मुकदमे में बहस करते हुए विशेष लोक अभियोजक अरविंद मिश्रा ने अदालत को बताया कि अनुसूचित जाति की रिंकी ने इस साल 3 जून को अपने ही गांव के दीपक गुप्ता के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा था कि उसका...