लखनऊ वरिष्ठ संवाददाता, अगस्त 1 -- गोरखपुर के निजी कंपनी के कर्मचारी नवीन यादव उर्फ राजे के अपहरण और हत्या के मामले में लखनऊ के थानेदार की गजब कास्तानी सामने आई है। डीसीपी पश्चिम की जांच में नाका पुलिस की बड़ी लापरवाही मिली है। जांच में पता चला कि नवीन यादव के अपहरण के बाद उनके परिवारीजन 25 जुलाई को चारबाग चौकी में तहरीर लेकर पहुंचे तो छह घंटे उन्हें बैठाए रखा गया। फिर बिना सुनवाई नाका थाने भेज दिया गया। वहां रात भर बैठाए रखा गया था। इस पर पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने शुक्रवार को नाका इंस्पेक्टर रहे वीरेंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया। गुरुवार को इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर किया गया था। इसके साथ ही चारबाग चौकी इंचार्ज कमल कुमार को भी निलंबित किया गया था। नवीन के भाई सचिन ने बताया कि 25 जुलाई की शाम करीब चार बजे वह परिवारीजनों के सा...