लखनऊ, अगस्त 1 -- लोहिया संस्थान में डायलिसिस के दौरान मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ गया। इसकी वजह से उसके दिमाग की नस फटने से मौत हो गई। मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों को कहना कि डायलिसिस से पहले मरीज को बीपी और खून पतला करने की दवा दी गई थी। इलाज में किसी भी तरह की चूक से डॉक्टरों ने इनकार किया है। इंदिरानगर सेक्टर-11 निवासी सिद्धार्थ राय (36) को किडनी की गंभीर बीमारी थी। करीब दो साल से उनकी डालीगंज के निजी अस्पताल में डायलिसिस चल रही थी। डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी तो परिवारीजन लोहिया संस्थान ले गए। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद 23 जुलाई को किडनी ट्रांसप्लांट की तारीख दी। इसके बाद भाई राहुल ने सिद्धार्थ को 20 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया। भर्ती के बाद हुई पहली डायलिसिस भर्ती के बाद डॉक्टरों ने ...