लखनऊ, अगस्त 12 -- प्रदेश के दो बड़े शहरों लखनऊ और गाजियाबाद में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के एवज में यूजर चार्ज वसूलने में खूब मनमानी की गई। नियमों को ताक पर रखकर घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निगम ने यूजर चार्ज ही नहीं लिया गया, इससे दोनों नगर निगमों को 71.50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसी तरह लखनऊ व गाजियाबाद में यूजर चार्ज वसूलने वाली फर्मों को 4.06 करोड़ रुपये अधिक भुगतान किया गया। विधानमंडल में मंगलवार को रखे गए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि लखनऊ में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अप्रैल 2017 में उपविधि बनाई गई। इसमें घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के लिए यूजर चार्ज तय किया गया। लखनऊ में यह काम इको ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड को दिया...