ज्ञान प्रकाश, मार्च 9 -- होली और रमजान के बीच भाईचारे की मिसाल पेश की है लखनऊ के एक राजनीतिक विश्लेषक और अधिवक्ता ने। बाराबंकी के हैदरगढ़ में एक फार्म हाउस खरीदा तो वहां टीले पर खंडित मन्दिर मिला। उन्होंने अपनी जमीन पर स्थित इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया है। मन्दिर के दो भव्य द्वार भी बनकर तैयार हैं। अब 11 मार्च को पूजा-अर्चना के बाद मन्दिर का लोकार्पण होगा। आस्था का ध्यान रखते हुए मूल प्राचीन मन्दिर के अवशेषों को ज्यों का त्यों रखा गया है। उसके चारों ओर आरसीसी से नए मन्दिर का निर्माण किया गया है। मूर्ति प्राचीन समय से ही प्राण प्रतिष्ठित है। गोमती नगर विवेक खंड में रहने वाले डॉ. सैयद रिजवान अहमद अक्सर चर्चा में रहते हैं। उन्होंने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि एक साल पहले बाराबंकी के हैदरगढ़ में मकनपुर-मौलाबाद मार्ग पर तीन बीघा जमीन खरीदी थी...
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