लखनऊ विपुल शर्मा, मार्च 21 -- मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से गरीब असहाय मरीजों को मिलने वाले इलाज में लखनऊ लोहिया संस्थान में खूब धांधली की गई। मर चुके मरीजों के नाम पर लाखों रुपए की दवाएं निकालकर उन्हें बाजार में बेच दिया गया। लंबे समय से संस्थान के स्थायी फार्मासिस्टों, कुछ डॉक्टरों की मिलीभगत से यह काला कारनामा चलता रहा। कुछ मृतकों के पीड़ित परिवारीजनों ने खुद ही लोहिया संस्थान के अफसरों को दवा निकालने की शिकायत तक की। लोहिया के कुछ आला अफसर भी इस खेल में शामिल दिख रहे हैं। यही वजह है कि वह कार्रवाई से सीधे तौर पर बच रहे हैं। हिन्दुस्तान ने पड़ताल की तब मृतक मरीजों के नाम पर दवा चोरी करने का बड़ा कारनामा सामने आया है। चार से पांच दिन में निकाली 1500 से अधिक गोलियां कई मृतक मरीजों के नाम पर मुख्यमंत्री राहत कोष से लाखों रुपए दवाओं के नाम ...