संतकबीरनगर, मार्च 6 -- संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में बूंद-बूंद सिंचाई की पद्धति की स्थानीय स्तर पर डिमांड बढ़ने लगी है। लोग पानी के महत्व को समझने के साथ ही यह भी जान गए हैं कि कम पानी से बेहतर उपज मिल रही है अपेक्षाकृत अधिक पानी सिंचाई करने से। यही कारण है कि इस वर्ष बागवानी की सिंचाई के लिए ड्रिप प्रणाली से सिंचाई पर लोगों ने जोर दिया है। इसके लिए सरकार अनुदान भी मुहैया करा रही है। जिले में 60 हेक्टेयर के सापेक्ष 91 हेक्टेयर भूमि पर ड्रिप प्रणाली को लगाया गया है। जिले में ड्रिप प्रणाली से सिंचाई के लिए शासन से 60 हेक्टेयर पर सिंचाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस प्रणाली से सिंचाई खासकर बागान और पपीता और केला की खेती के लिए बेहतर माना जाता है। जिले में केला और पपीता की खेती के लिए क्षेत्रफल तेजी से बढ़ रहा है...