बरेली, मार्च 23 -- ब्रह्मपुरी में हो रही ऐतिहासिक 165वीं रामलीला मंचन में शनिवार को अंगद द्वारा समझाने और बल दिखाने पर भी जब रावण नहीं माना तो एक तरह से युद्ध की घोषणा हो गई। महासंग्राम में लक्ष्मणजी पर मेघनाद ने वीरघातिनी शक्ति चलाई। शक्ति लगने से उन्हें मूर्छा आ गई। हनुमान जी के औषधि लाने पर वैद्य सुषेण ने तुरंत उपाय किया, जिससे लक्ष्मण जी उठ बैठे। रावण के जगाने पर मद से चूर कुंभकर्ण ने युद्धभूमि में वानर सेना को तितर-बितर कर दिया। यह देखकर रामचंद्रजी ने बाणों से कुंभकर्ण के सिर को धड़ से अलग कर दिया। संरक्षक सर्वेश रस्तोगी, महामंत्री सुनील, दिनेश दद्दा, प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा, राज कुमार गुप्ता, अखिलेश अग्रवाल, विवेक शर्मा, सत्येंद्र पांडेय, नीरज रस्तोगी आदि रहे।
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