गोपालगंज, सितम्बर 25 -- -सब्जियों और खासकर मड़ुआ की फसल को पहुंच सकता है नुकसान -जिन फसलों में परागण की चल रही प्रक्रिया, उनके लिए यह ठीक नहीं फोटो कुचायकोट। एक संवाददाता सितंबर माह में रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जहां यह बारिश लंबी अवधि की धान (120 से 135 दिनों में तैयार होने वाली किस्में) के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, वहीं कम अवधि की धान, मड़ुआ (रागी) और सब्जियों की फसलों पर इसका नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। खासकर वे फसलें जिनमें परागण की प्रक्रिया चल रही है, उनमें भारी नुकसान की आशंका है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो कृषि अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। बैकुंठपुर, भोरे, सिधवलिया, थावे, फुलवरिया, उचकागांव, पंचदेवरी, मांझा और कुचायकोट प्रखंडों में बड़े पैमाने पर धान...