मऊ, अक्टूबर 1 -- दोहरीघाट। कस्बे में चल रही रामलीला में मंगलवार की रात युद्घ से पहले कलाकारों ने रावण-अंगद संवाद, अंगद का पैर जमाना एवं युद्घ आरंभ का मंचन किया। लीला का शुभारंभ सीता का पता लगने के बाद भगवान राम समुंद्र पर रामसेतू बनाकर लंका पहुंचे। युद्घ से पहले भगवान राम ने अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा। अंगद ने रावण से मईया सीता को राम के पास सम्मान के साथ भेजने व राम की शरण में जाने का प्रस्ताव रखा। जिसे रावण ने मानने से इंकार कर दिया। रावण ने अंगद से कहा कि वह राम को युद्घ में मार देगा। जिस पर अंगद ने कहा कि राम की सेना में एक से बढ़कर एक वीर है। यदि, उनका कोई महारथी उसका पैर हिला दे तो वह राम की तरफ से वादा करते है कि राम हार मनाकर वापस लौट जायेंगे। रावण का कोई महारथी अंगद का पैर नहीं हिला सका। अंगद ने रावण का मुकुट उछालकर राम क...