गढ़वा, जून 15 -- गढ़वा, प्रतिनिधि। रोहिणी नक्षत्र 8 जून को समाप्त हो चुका है। यह 25 मई से शुरू हुआ था। रोहिणी नक्षत्र बिन बारिश के गुजर गया। वहीं आषाढ़ के चार दिन गुजरने के बाद भी किसानों को निराश किया है। आषाढ़ 12 जून से शुरू हुआ है। रविवार को दोपहर बाद हल्दी बूंदा बांदी हुई। करीब 10 मिनट की बूंदा बांदी से उमस और बढ़ गई। अबतक किसानों के लिए निराशाजनक रहा है। आमतौर पर रोहिणी नक्षत्र में परंपरा के अनुसार धान की खेती शुरू होने की उम्मीद रहती है। बारिश के अभाव में धान की खेती शुरू नहीं हुआ। यहां तक कि धान के खेतों को भी अभी तैयार नहीं किया जा सका है। आम तौर पर रोहिणी नक्षत्र को कृषि कार्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। खरीफ फसल की तैयारी के लिए किसान लग जाते हैं। बारिश नहीं होने के कारण खेत बंजर पड़े हैं। कृषि विभाग के अनुसार राज्य में पहले ...