नई दिल्ली, मई 8 -- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अगर देश में रोहिंग्या शरणार्थी भारतीय कानूनों के तहत विदेशी पाए जाते हैं तो उन्हें निर्वासित किया जाना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला दिया और टिप्पणी की कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) द्वारा जारी किए गए पहचान पत्र कानून के तहत उनके लिए कोई मदद नहीं कर सकते हैं। न्यायमूर्ति दत्ता ने विभिन्न रोहिंग्या याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस और अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा कि अगर वे विदेशी अधिनियम के अनुसार विदेशी हैं, तो उन्हें निर्वासित किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि महिलाओं और बच्चों सहित यूएनएचसीआर कार्ड रखने वाले कुछ शरणार्थियों को पुलिस अधिकारियों ने कल देर ...