समस्तीपुर, मई 30 -- रोसड़ा। वक्त के साथ समाज की सोच भी बदल रही है। परंपराओं से हटकर बंदिशों को तोड़ते हुए शहर की अशिका आनंद उर्फ गुनगुन ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया। दिवंगत व्यवसायी हरिओम प्रसाद को कोई पुत्र नहीं था, उन्हें दो बेटी ही है। बड़ी बेटी अपने पिता को मुखाग्नि देकर उनका श्राद्धकर्म भी कर रही है। गुरुवार को मुक्तिधाम पर उस समय लोगों के आंसू छलक पड़े, जब एक बेटी ने रूढ़िवादी परंपराओं के बंधन को तोड़ते हुए अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। उसने बेटा बनकर हर फर्ज को पूरा किया। बता दें कि शहर के डगबर मोहल्ला निवासी टेंट व्यवसायी हरिओम प्रसाद भीषण सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे। ईलाज के दौरान पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया था। बुधवार की देर रात उनका पार्थिव शरीर उनके आवास लाया गया। गुरुवार क...