लखनऊ, सितम्बर 20 -- गोमतीनगर में शनिवार को जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ के संस्थापक सदस्य व सचिव डॉ. संदीप कपूर ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी से घुटना प्रत्यारोपण अधिक सफल होता है और इम्प्लांट की उम्र बढ़ सकती है। दोबारा (रिवीजन सर्जरी) की जरूरत को कम किया जा सकता है। डॉ. संदीप कपूर ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी से इम्प्लांट का जीवनकाल बढ़ सकता है। इससे लंबे समय में लागत बचत हो सकती है। रोबोटिक सर्जरी में संक्रमण, अकड़न, दर्द व सामान्य सर्जिकल जटिलताएं कम होने की आशंका रहती हैं। डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि घुटने की खराबी से मुख्य रूप से दर्द, सूजन, अकड़न और चलने में कठिनाई होती है। इसके गंभीर मामलों में जोड़ों का लड़खड़ाना या मुड़ना महसूस हो सकता है। हड्डियों के आपस में रगड़ने की आवाज आ सकती है। ये समस्याएं गठ...
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