मुजफ्फरपुर, दिसम्बर 25 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। मनुष्य अपने जीवन में रोने की आदत लगा ले तो वह सुख में भी दुख खोजकर रोता रहेगा। प्रभु श्रीराम के जीवन में इतने कष्ट आए, फिर भी वे प्रसन्न मुद्रा में रहे। हमें प्रभु से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए। जिला स्कूल के खेल मैदान में आयोजित श्री रामकथा के तीसरे दिन प्रेमभूषण जी महाराज ने व्यासपीठ से कथा वाचन करते हुए यह सीख दी। उन्होंने कहा कि गंगा जी जैसे पाप का हरण कर लेती हैं, इसी प्रकार भगवान की कथा मनुष्य के जीवन के सभी प्रकार के ताप का हरण कर लेती है। प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि सनातन सदग्रंथों में लिखा गया है कि 'दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, रामराज काहू नहीं व्यापा।' इस कलिकाल में जो भी भगवान में लीन रहेगा उसे कोई पाप और ताप नहीं सताएंगे। उन्होंने श्रीराम जन्म के कारण और...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.