महाराजगंज, मार्च 19 -- अड्डा बाजार, हिन्दुस्तान संवाद। अल्लाह पाक रोजेदारों का तन, मन और धन तीनों से इम्तेहान लेता है। तन से भूखे पेट रोजा रखवाता है, मन से लालच और गलत ख्याल दूर करने को कहता है। धन से जकात का इम्तेहान लेता है। मालदारों के उपर गरीबों का हक है। जिसे मालदारों को अदा करना हर हाल में अनिवार्य है। अगर धनवान गरीबों की जरूरतों का ख्याल नहीं रखेंगे तो उन्हे इसकी सजा मिलेगी। अल्लाह ने धन को खर्च करने के लिए दिया है संचय के लिए नहीं। धन खर्च करने से रुपये का लेनदेन बढ़ जाता है और जरूरतमन्दों की जरूरत पूरी हो जाती है। रुपये के खर्च होने से रोजगार बढ़ता है और रोजगार बढ़ने से गरीबी दूर होती है। क्रय-विक्रय से सरकार को राजस्व मिलता है। अल्लाह फरमाता है ऐ लोगों रमजान के महीने में खूब खर्च किया करो। हम इसका हिसाब किताब नहीं लेंगे और दूसरो...
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