गढ़वा, मई 7 -- गढ़वा, प्रतिनिधि। कभी पलामू प्रमंडल की पहचान ही पहले बड़े पैमाने पर हो रही लाह की खेती से होती थी। नकदी फसल होने के कारण किसानों को अच्छी आमदनी होती थी। उन्नत किस्म के लाह के उत्पादन के कारण प्रमंडल के गढ़वा जिले के लाह की मांग कभी कनाडा, इंडोनेशिया, जापान, आईलैंड सहित अन्य देशों में होती थी। समय के साथ लाह की चमक फीकी पड़ गई। उत्पादन घटने के कारण किसानों भी लाह की खेती को ले दिलचस्पी कम हो गई। कालांतर में लाह का कारोबार ही बंद हो गया। लाह से हो रही कमाई को लेकर ही गांव घर में कहावत प्रचलित हो गई थी कि लाह जिसे लह गया वह लखपति बन गया। लाह कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि तकरीबन तीन दशक पहले तक लाह उत्पादन के क्षेत्र में गढ़वा का दबदबा हुआ करता था। पलामू प्रमंडल में लाह की खेती काफी पुरानी परंपरा रही है। उसका उल्लेख पलामू गज...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.