मुंगेर, सितम्बर 29 -- मुंगेर, निज संवाददाता। हर वर्ष 28 सितम्बर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। जिला एकाकृीत रोग निगरानी कार्यक्रम पदाधिकारी प्रेमरंजन दूबे ने बताया कि वायरस के संक्रमण से होने वाले एक घातक बीमारी है, जो मनुष्य के लिए घातक होता है। 96 प्रतिशत रेबीज कुत्तों के काटने या खरोंचने से होता है। हलांकि बिल्ली, बंदर या अन्य जंगली जानवरों द्वारा काटने या खरोंचने से भी इस बीमारी की संभावना रहती है। हालांकि रेबीज से बचाव के लिए टीका सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में उपलब्ध है। डा. दूबे बताते हैं कि किसी जानवर के काटने पर सबसे पहले घाव को साबुन और साफ पानी से अच्छी तरह धोएं. घाव को खुला छोड़े, टांके या बैंडेज न लगाएं। बचाव के लिये चिकित्सक से संपर्क कर त्वचा या मांसपेशियों में टीके अवश्य लगवाएं। रेबीज से बचाव के लिए सामान्यत: चार या पांच ...