नई दिल्ली, अक्टूबर 1 -- युवती के बलात्कार में मुख्य आरोपी की मदद करने वाले को कर्नाटक हाईकोर्ट ने झटका दे दिया है। अदालत ने मनुस्मृति के श्लोक और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बात का जिक्र किया और आरोपी की जमानत याचिका रद्द कर दी। आरोप हैं कि याचिकाकर्ता ने वारदात के समय पीड़िता के भाई को रोककर रखा और मुख्य आरोपी की मदद की। जस्टिस एस रचैया ने कहा कि इस घटना ने पीड़िता को गहरी मानसिक चोट पहुंचाई है। बार एंड बेंच के अनुसार, उन्होंने कहा, 'दूसरे आरोपी के साथ मिलकर इस आरोपी ने जो काम किया है, वो युवती के जीवन पर एक धब्बे की तरह रहेगा। युवती के लिए उस दर्द से बाहर आना बहुत मुश्किल होगा जो उन्होंने झेला है।' उन्होंने आगे कहा, 'ऐसे में यहां मनुस्मृति के श्लोक का जिक्र करना सही होगा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता। यत्रैतास्तु न पूज्यन...