नई दिल्ली, नवम्बर 22 -- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट (Rosneft) और लूकोइल (Lukoil) पर लगाए गए प्रतिबंधों की समय सीमा 21 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के रूसी कच्चे तेल आयात को कम करने और उसे अन्य स्रोतों की ओर मोड़ने में एक प्रभावी माध्यम साबित हो सकता है, लेकिन रूसी तेल का प्रवाह पूरी तरह से समाप्त होने की संभावना कम है। वैश्विक डेटा प्रदाता केप्लर के अनुसार, 20 नवंबर तक भारत के लिए रूसी कच्चे तेल की लोडिंग लगभग 982 kbd रही, जो अक्टूबर 2022 के बाद सबसे कम है। इस वर्ष भारत के कुल रूसी तेल आयात में रोसनेफ्ट और लूकोइल का योगदान लगभग 60% रहा है। इन दो प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं पर प्रतिबंध लगने से भारतीय रिफाइनरियों के पास उनसे खरीद रोकने के अलावा सीमित वि...