कानपुर, फरवरी 13 -- कानपुर। गीता पार्क रामलीला मैदान, नेहरू नगर में चल रही शिव महापुराण की कथा के दूसरे दिन गुरुवार को मंत्रों के उत्पत्ति की कथा हुई। कथावाचक आचार्य योगेश अवस्थी ने कहा कि भगवान शिव का नाम, त्रिपुंड और रुद्राक्ष यही गंगा यमुना और सरस्वती हैं। इनको जो धारण करते हैं, उनको त्रिवेणी स्नान का फल प्राप्त होता है। उन्होंने मांस-मदिरा का सेवन करने वालों से रुद्राक्ष त्यागने को कहा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले ओम की उत्पत्ति हुई। ओम से ओम नमः शिवाय का प्रादुर्भाव हुआ। उससे त्रिपदा गायत्री, गायत्री से वेद और वेदों से यज्ञों के मंत्र बने। कथा में अवधेश त्रिवेदी, प्रभा त्रिवेदी ज्योति, अशोक आदि उपस्थित रहे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...