हापुड़, जुलाई 6 -- 27 जून की मानसून की आवक के बाद बारिश न होने पर किसानों की फसलों पर बीमारियों का खतरा मंडरा है। एक तरफ गन्ने की फसल पर बीमारी लग रही है। दूसरी तरफ धान की फसल को पानी की जरुरत होती है। बारिश के लिए किसानों ने गांवों में दूध की धार लगाकर परिक्रमा नंगे पैर की। रुठे मानसून को मनाने के लिए गांवों में किसान ने प्रयास शुरू कर दिए है। रविवार को गढ़मुक्तेश्वर तहसील के गांव झड़ीना, हापुड़ के मां चंडी के मंदिर समेत नगर परिक्रमा तथा पिलखुवा के एक गांव में चंडी मैया की पूजा अर्चना कर यज्ञ किया गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने हाथ में दूध और शरबत लेकर धार लगाई। धार लगातार लगती है जिसको एक आदमी नंगे पैर चलते हुए लगाता है। धार कही भी रोकी तथा तोड़ी नहीं जाती। जिसके चलते पीछे पीछे अन्य ग्रामीण दूध, गंगा जल तथा शरबत लेकर चलते रहते हैं। गांव झड...