मिर्जापुर, नवम्बर 17 -- हलिया। क्षेत्र के पिपरा बाजार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दसवें दिन कथावाचक पंडित अजित कृष्ण शास्त्री ने रुक्मिणी विवाह व अर्जुन को उपदेश की कथा का भक्तों को रसपान कराया। शास्त्री ने कहाकि रूक्मिणी के स्वयंबर में देश भर के राजा जुटे थे। रूक्मिणी सुंदर व सुशील तथा भगवान कृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हमेशा रट लगाती रही। जिसकी भक्ति देख कृष्ण को रूक्मिणी से विवाह की सहमति प्राप्त करने के बाद हरण करना पड़ा। स्वामी ने कहाकि इस कथा से भगवान के कर्तव्य व धर्म का बोध कराती है। प्रेम व प्रीति के महत्व को दर्शाती है। भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपने कर्तव्य और निष्काम कर्म के महत्व तथा आत्मज्ञान और मोक्ष के मार्ग के बारे में बताया। स्वामी ने कथा श्रीमद्भागवतकथा प्रेम और प्रीति के महत्व को दर्शाती है। यह कथा मोक्षद...
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