लखनऊ, अगस्त 12 -- लखनऊ, संवाददाता। बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत के छठवें दिन मंगलवार को कथा व्यास स्वामी बाल भरत जी महाराज ने रास की सुंदर व्याख्या की। वहीं कंस वध, उद्धव गोपी संवाद और रुक्मणी विवाह की कथा का रसपान कराया। भक्तों ने रुक्मिणी विवाह का भव्य आयोजन किया। जिसमें कन्यादान हुआ। लोगों ने कई तरह के उपहार व स्वर्ण आभूषण जैसी सामग्री भेंट की। कथा व्यास जी ने कहा कि परमात्मा रूपी रस की अनुभूति करना ही रास है। क्योंकि उपनिषदों में परमात्मा को ही रस कहा गया है। परब्रह्म ही रस है उसकी अनुभूति को रास कहा जाता है। व्यास जी ने उद्धव-गोपी संवाद का अति मार्मिक वर्णन किया। कंस वध की कथा में उन्होंने कहा कि कंस के वध के बाद उनकी दोनों रानियां अपने पिता जरासंध के घर चली गईं। इसके बाद जरासंध ने सत्रह...