नई दिल्ली, अक्टूबर 26 -- कोई भी चीज अपने आप नहीं चलती, उसे चलाना पड़ता है। जैसे मोबाइल चार्ज करना पड़ता है, गाड़ी में ईंधन डालना पड़ता है, वैसे ही रिश्तों को भी समय-समय पर प्यार, अपनेपन, समय और संवाद की चार्जिंग की जरूरत होती है। वह भी वक्त रहते। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में चिंता, तनाव, संवाद और समय की कमी सरीखे ढेरों कारण हैं, जो रिश्तों में जाने-अनजाने खटास लेकर आ रहे हैं। मनमुटाव दबे पांव खुशहाल परिवारों में कब पांव पसार लेता है, पता ही नहीं चलता। ऐसे में रिश्तों में संतुलन बनाए रखना किसी जादू से कम नहीं। पर हां, लगातार छोटे-छोटे प्रयासों से आप अपने रिश्ते में अपनापन, भरोसा, कद्र सरीखे तमाम जज्बातों को दोबारा भर सकती हैं। इसके लिए क्या करें, आइए जानें:बनाइए अपने नियम हर रिश्ते में दो शख्स और उसके तीन अहम पहलू होते हैं: तुम्हारा, मेरा ...
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