नई दिल्ली, दिसम्बर 4 -- मदन जैड़ा नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा जहां भारत और रूस के पुराने संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगी वहीं वैश्विक कूटनीति के नजरिये से भी यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यात्रा के दौरान रूस से होने वाले करार के जरिये भारत का अमेरिका को भी स्पष्ट संकेत होगा कि उसकी विदेश नीति किसी के दबाव में काम नहीं करती है बल्कि राष्ट्रीय हित ही सर्वोपरि है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगा दिया है। उधर, रूस और यूक्रेन के बीच अमेरिका की मध्यस्थता में शांति वार्ता महत्वपूर्ण मुकाम पर पहुंच चुकी है। भारत की तरफ से रूस से तेल की खरीद जारी है तथा परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में नए समझौते के भी आसार हैं। इसलिए इस यात्रा के समय को विशेषज्ञ महत्वपूर्ण मान रहे हैं। जेए...