नई दिल्ली, फरवरी 24 -- उड़ीसा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान महिला द्वारा दायर बलात्कार के आरोपों को खारिज कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि रिश्ते का शादी में तब्दील न होना व्यक्तिगत शिकायत का स्रोत हो सकता है, लेकिन यह अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा, "टूटे हुए वादे के लिए कोई कानून नहीं है और न ही यह हर असफल रिश्ते को अपराध ठहराया जा सकता है।" बता दें कि कोर्ट में एक मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी जहां एक महिला ने पुलिस सब इंस्पेक्टर पर बलात्कार के आरोप लगाए थे। दोनों करीब 9 साल तक रिश्ते में रहे थे। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, " दोनों ने 2012 में रिश्ता बनाया। दोनों अपनी सहमति से रिश्ते में आए थे लेकिन यह रिश्ता शादी में नहीं बदला। यह व्यक्तिगत शिकायत का स्रोत हो सकता है, लेकिन प्रेम का विफल होना कोई अपराध नहीं ...
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