नई दिल्ली, मई 8 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। नजफगढ़ और शाहदरा नाला यमुना में प्रदूषण के लिए 84 फीसदी तक जिम्मेदार हैं। इनके जहरीले पानी की रोकथाम करके ही यमुना को काफी हद तक जीवित किया जा सकता है। पर्यावरण एवं विज्ञान केन्द्र (सीएसई) ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने 'यमुनाः द एजेंडा फॉर क्लीनिंग द रीवर नाम से रिपोर्ट जारी की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से 2022 के चार साल में ही दिल्ली सरकार ने यमुना की सफाई पर छह हजार 856 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया है। राजधानी में कुल 37 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं, जो उत्पन्न सीवेज के 80 फीसदी से अधिक हिस्से को उपचारित करने में सक्षम हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में पड़ने वाला यमुना का 22 किलोमीटर का हिस्सा, जो कुल लंबाई का केवल दो प्रतिशत है, पूर...