ओमप्रकाश सती। देहरादून, सितम्बर 20 -- उत्तराखंड के सहस्रधारा में आई आपदा के पीछे रिजर्व फॉरेस्ट में अतिक्रमण बड़ी वजह है। लेकिन, इसकी जड़ें कहीं ज्यादा गहरी हैं। सहस्रधारा में बहने वाली बाल्दी नदी का बड़ा हिस्सा, जो रिजर्व फॉरेस्ट में आता है, उसे राजस्व रिकॉर्ड में भूमिधरी यानी खेती योग्य जमीन के रूप में दर्शाया गया है। यानी, जंगल की इस जमीन को खसरे बदलकर सीधे लोगों के नाम कर दिया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गड़बड़ी को सुधारने के लिए कुछ समय पहले विभिन्न विभागों के संयुक्त सर्वे के बाद शासन को भेजी गई फाइल भी गुम है। पूर्व सर्वेयर सीपी डोभाल ने आरटीआई से मिली सूचनाओं के आधार पर वन विभाग से इसकी शिकायत की है। उन्होंने बताया कि राजस्व और वन विभाग के नक्शों में भारी विसंगति है। सहस्रधारा के थेवा और चामासारी इलाके में नदी किनारे की जमीन...
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