संतकबीरनगर, जुलाई 24 -- संतकबीरनगर, शोभित कुमार पांडेय। बिजली निगम में हुए 1.62 करोड़ के घोटाले का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। घपले की हद तो यह है कि बैंक की गारंटी तक फर्जी लगाई गई। पुलिस की विवेचना से फर्जीवाड़े की परत-दर परत पोल खुल रही है। बिजली निगम के इस बड़े घोटाले में एक तत्कालीन एक्सईएन, तत्कालीन एसडीओ समेत कई बड़े चेहरे प्रकाश में आए हैं। वर्ष 2012-13 में आरएपीडीआरपी पार्ट बी योजना के अंतर्गत खलीलाबाद नगर में विद्युतीकरण कार्य कराए जाने की स्वीकृति मिली थी। विद्युत वितरण निगम मुख्यालय वाराणसी से कार्य कराए जाने की जिम्मेदारी कोलकाता की मेसर्स बीकोलॉरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दी गई थी। कार्यदाई संस्था आधा-अधूरा काम छोड़ कर चली गई। जबकि निगम की ओर से मेसर्स बीकोलॉरी लिमिटेड को 3,11,11,283 रुपये का भुगतान किया गया था। बाद में मुख...