बरेली, मार्च 3 -- रिंग रोड के अधिग्रहीत गांव की जमीन और परिसंपत्तियां के मुआवजा के भुगतान की धीमी है। एसएलएओ ऑफिस 48 दिन में सिर्फ 26 करोड़ का मुआवजा किसानों को बांट सका है। जबकि 10 जनवरी को एनएचएआई ने 346 करोड़ की स्वीकृति एसएलएओ ऑफिस भेजी थी। एनएचएआई अक्तूबर में परियोजना का निर्माण शुरू कराने की तैयारी कर रहा है। हालांकि अगर मुआवजा नहीं बंटा तो जमीन पर कब्जा मिलना मुश्किल हो जाएगा। रिंग रोड परियोजना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। पिछले महीने लखनऊ में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बरेली की आउटर रिंग रोड का जिक्र किया था। स्वीकृति के बारे में जानकारी दी थी। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी ने सड़क परियोजना की अधिग्रहीत जमीनों का मुआवजा मार्च के अंत तक वितरित करने के आदेश दिए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के आदेश का बरेली में असर नहीं द...