बागपत, अगस्त 23 -- बागपत। पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते पिछले कुछ दिनों से यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चार दिन पहले तो यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर पहुंच गया था। जिसके चलते यमुना नदी के पानी खादर क्षेत्र में किस तरह से तबाही मचाई, वह किसी से छिपी नहीं है। खतरे के निशान से काफी ऊपर बहने वाली यमुना नदी ने सैंकड़ों बीघा उपजाऊ मिट्टी का कटान किया, हजारों बीघा फसलें तबाह की। छपरौली, शबगा, ककौर, बदरखा, टांडा, जगोस, कोताना, नैथला, बागपत, पाली, काठा, मवीकलां, सांकरौद और सुभानपुर गांव जंगल में किसानों की लाखों रुपये की फसलें बर्बाद हो गई। अब यमुना का जलस्तर काफी कम हो चुका है, लेकिन घटता जलस्तर अपने पीछे जिस तरह का मंजर छोड़ गया है, वह देखकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अभी भी सैंकड़ों बीघा फसल जलमग्न है। जो फसल पानी ...
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