बिजनौर, अप्रैल 25 -- इसे चाहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान का असर मानें या जिले में जागरूकता का बढ़ना, लेकिन विभागीय आंकड़ों में मलेरिया रोगियों का लगातार नीचे गिर रहा ग्राफ राहत देने वाला है। पिछले 14 साल से जिले में घातक जानलेवा सिद्ध होने वाले पी-फेल्सीपेरम मलेरिया का एक भी रोगी न मिलना और कोई भी मौत न होना अच्छा संकेत है। आज विश्व मलेरिया दिवस है। मच्छरों की भरमार हो चली है। इसका कारण पूर्व में हुई बारिश के साथ ही कभी मौसम गर्म तो कभी ठंडा हो जाना माना जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी मंजुषा गुप्ता के मुताबिक ऐसा मौसम मच्छर पनपने के लिए अनुकूल रहता है, इसके बावजूद निकायों के स्तर से रूटीन फॉगिंग किया जाना थोड़ी राहत दे रहा है। मलेरिया की ताजा स्थिति के बारे में उन्होंने बताया, कि मलेरिया संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इस ...