रामनगर, नवम्बर 7 -- रामनगर। राष्ट्रगीत वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने पर राजकीय इंटर कालेज ढेला में विभिन्न कार्यक्रम हुए। शुक्रवार को सुबह की सभा में गीत के इतिहास पर बातचीत रखते हुए जीव विज्ञान प्रवक्ता चंद्र प्रकाश खाती ने कहा यह एक गीत नहीं है, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा है। अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल ने बताया कि 1896 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार वंदे मातरम गीत गाया गया। इस गीत की धुन ठाकुर रवींद्रनाथ टैगोर ने बनाई थी। इस मौके पर प्रधानाचार्य मनोज जोशी, हरीश कुमार, महेंद्र आर्य, संत सिंह, दिनेश निखुरपा, शैलेन्द्र भट्ट, बालकृष्ण चंद, जया बाफिला, संजीव कुमार, राजेंद्र बिष्ट, हेमलता जोशी आदि मौजूद थे।
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