गया, अगस्त 17 -- 14 अगस्त 1947 को भारत का बंटवारा केवल भौगोलिक या राजनीतिक बंटवारा नहीं था बल्कि यह भारत की संस्कृति एवं साझी विरासत का भी बंटवारा था, जिसके दंश को भुलाया नहीं जा सकता। हम भारत के लोगों को भारत प्रथम के भाव-भावना से राष्ट्र की एकता एवं अखंडता के लिए साथ मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उक्त बातें दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने ''विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस'' के उपलक्ष्य में आयोजित "प्रदर्शनी सह व्याख्यान कार्यक्रम" के दौरान कहीं। कुलपति ने 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर संकल्पित होने की बात कही। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र , नई दिल्ली द्वारा वित्तपोषित कार्यक्रम को सीयूएसबी के इतिहास विभाग की ओर से आयोजित किया गया। प्रदर्शनी...
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