नई दिल्ली, दिसम्बर 22 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्र सरकार द्वारा 2019 में शुरू किया गया राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम (एनकैप) कई शहरों में वायु प्रदूषण की रफ्तार कम करने में सफल रहा है, लेकिन इसे वार्षिक औसत मानकों से नीचे लाने में नाकाम रहा है। यह दावा हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की एक ताजा रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच एनकैप के तहत प्रदूषण निगरानी केंद्रों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 में जहां 38 शहरों में पीएम-2.5 की निगरानी के लिए केवल 78 केंद्र थे, वहीं 2024 में 101 शहरों में इनकी संख्या बढ़कर 346 हो गई। यानी केंद्रों की संख्या में 344 फीसदी की वृद्धि हुई। इसी तरह पीएम-10 की निगरानी के लिए 2017 में 33 शहरों में 61 केंद्र थे, जो अब 102 शहरों में बढ़कर 343 हो गए हैं। इसमें ...