मुजफ्फरपुर, अगस्त 27 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुशहरी में अगस्त माह के समाप्त होने से पहले ही लीची के तैयार सभी पौधे समाप्त हो गये हैं। इसके कारण स्थानीय लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। अनुसंधान केन्द्र में इसबार कुछ नये किस्मो के लीची के पौधे तैयार किए गए थे। पौधे की अधिक मांग होने लगी थी। अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि नर्सरी में एक लाख पौधे तैयार करने की क्षमता है। मगर प्रत्येक तीन माह में 50 हजार पौधे तैयार किए जाते हैं। इसबार असम, यूपी एवं बिहार के विभिन्न जिलों से सर्वाधिक पौधे की मांग आ गई थी। इसबार लीची के पौधों में गंडकी योगिता, गंडकी लालीमा, गंडकी संपदा, बेदाना और शाही व चाइना लीची तैयार किया गया था। उन्होंने बताया कि 50 हजार पौधो में 24,700 पौधे की बिहार के...