पीलीभीत, मार्च 11 -- राष्ट्रीय बांस मिशन योजना को जिले में प्रभावी बनाने का निर्णय लिया गया है। बरेली में बैठक के बाद समाजिक वानिकी की तरफ से बेंबो जोन विकसित किया जाएगा। इसके लिए नर्सरी विकसित करने को जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। डीएम के समक्ष डीएफओ एक खास प्रजेंटेशन भी देकर बांस की उपयोगिता बताएंगे। पिछले दिनों बरेली में हुई कार्यशाला के बाद समाजिक वानिकी के डीएफओ भरत कुमार डीके ने बताया कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा बांस कर दूसरा निर्यातक है। कुल 1832 वर्ग किमी. में बांस का रकबा है। हरे सोने के रूप में बांस की 136 प्रजातियों से किसान मुनाफा ले सकते हैं साथ ही पर्यावरणीय अनुकूलता से इसका लाभ आबोहवा को भी मिलेगा। अन्य पेड़ों की तुलना में बांस के पौधे से 35 प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन पर्यावरण में मिलती है। बरेली विवि में बांस के पेड़ों की वजह ...