संभल, नवम्बर 8 -- वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतीय इतिहास संकलन समिति के सदस्यों ने आलम सराय स्थित गुरु गोरखनाथ मंदिर में एकत्र होकर वंदे मातरम् का सामूहिक सस्वर गायन किया। कार्यक्रम में भारत माता की जयकारों के साथ वातावरण देशभक्ति से गुंजायमान हो उठा। समिति के लेखक प्रमुख उमेश श्रीमाली ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की चेतना को जागृत करने वाली भावपूर्ण वंदना है। उन्होंने कहा कि यह गीत भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का प्राण बन गया था, जिसने असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरणा और बल प्रदान किया। जिला महामंत्री सुबोध कुमार गुप्ता ने बताया कि 7 नवंबर 1875 को बंगाल के महान कवि बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित यह गीत आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् ने भारत माता के सपूतों को स...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.