नई दिल्ली, अप्रैल 12 -- सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों से जुड़े एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित और राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेजे गए विधेयकों पर अब तीन महीने के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए। यह पहली बार है जब देश की सर्वोच्च अदालत ने राष्ट्रपति के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा तय की है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने 8 अप्रैल को दिए गए अपने निर्णय को सार्वजनिक करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्वारा निर्णय लेने में यदि तीन महीने से अधिक का समय लगता है तो "उचित कारण बताना और राज्य को सूचित करना" अनिवार्य होगा।संविधान के अनुच्छेद 201 में नहीं है कोई समय-सीमा संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत, यदि कोई राज्यपाल किसी विधेयक को राष्ट्रपति के पास विचार के ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.