लखनऊ, जून 10 -- - केंद्र सरकार की योजना आरडीएसएस के तहत यूपी में बिजली सुधार के लिए खर्चने हैं 43,454 करोड़ रुपये - योजना में बिजली सुधार के परिणाम अनिवार्य तौर पर आने थे, निगरानी की थी व्यवस्था लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का मामला पहली बार राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचा है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने जनता की गाढ़ी कमाई की रकम बिजली सुधार पर खर्च करके बिजली कंपनियों को बेचने की साजिश का आरोप लगाया है। उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि केंद्र सरकार की रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत होने वाले सुधार कार्यक्रमों के परिणाम अनिवार्य तौर पर आने थे। इसके लिए बकायादा निगरानी तंत्र बनाया गया था। यूपी में योजना में 43,454 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। ऐसे में जब इस रकम...